14th Feb. Valentine’s Day की जगह मातृ-पितृ दिवस क्यों मनाना चाहिए ??

वेलेंटाइन डे के नाम पर आज की युवा पीढ़ी एक दूसरे को फूल, कार्ड और गिफ्ट देकर ” आई लव यू ” बोलते हैं । Innocenti report के अनुसार इस दिन विश्व के कई सारे विकसित देशों में हर साल 13 से 19 साल तक की 12,50,000 लड़कियाँ अपना चरित्र खो देती हैं और गर्भवती हो जाती हैं । उनमें से 5 लाख के आसपास लड़कियाँ गर्भपात करने का पाप करती हैं । करीब 7,50,000 लड़कियाँ माँ बन जाती हैं, उसमें से कई लड़कियाँ उनके बच्चों को नर्सिंग होम में छोड़ देती हैं और सरकार एवं माँ – बाप का बोझ बन जाती हैं तो कई लड़कियाँ अपने बच्चों को खुलेआम छोड़कर बच्चों को अनाथ बना देती हैं । तो कई लड़कियाँ कम उम्र में ही वेश्यावृत्ति जैसे धंधे शुरू कर देती हैं और अपनी कोमल अवस्था को नरक जैसी जिंदगी बनाकर रख देती हैं ।
अब तो ये गंदगी हमारे भारत में भी कई जगह फैलने लगी है । भारत जो सोने की चिड़िया, संस्कृति का गौरव या ब्रह्मचर्य का पालन करने वाला देश कहाँ जाता था वहाँ अब छोटी-छोटी उम्र के बच्चे स्कूल व कॉलेज में वेलेंटाइन डे मनाकर अपना चरित्र खो रहे हैं ।
बच्चा ही देश का भविष्य होता है । अब जिस देश के बच्चे जवानी में ही संयम खोकर अपनी आंतरिक शक्ति व वीर्य का नाश कर देंगे उस देश का भविष्य कहाँ जाकर रूकेगा ??
इस सब विदेशी गंदगी को हटाने के लिए 14 फरवरी को वेलेन्टाइन डे नहीं बल्कि ” मातृ-पितृ पूजन दिवस ” (Parents Worship Day) मनाने की शुरुआत भारतीय संस्कृति के द्वारा की गई है । हमारे कई सारे ऋषि-मुनियों व संतों ने इस मातृ-पितृ पूजन मनाने बात बताई है । विश्व के कई सारे देशों ने प्रसन्नतापूर्वक यह दिन मनाने की शुरुआत कर दी है ।
क्योंकि इस दिन करोड़ों के दारू की बिक्री होती है । स्कूल जाने वाले लड़के लड़कियाँ दारू पीते हैं और ” प्रेम दिवस ” मनाते हैं, तो यह देखकर करोड़ों माता-पिता दुःखी होते हैं और यह विषय दिन-प्रतिदिन गंभीर विषय बनता जा रहा है ।
14 फरवरी को ” प्रेम दिवस ” जरूर मनाओ पर ” सच्चा प्रेम दिवस ” मनाना चाहिए । और पूरी दुनिया में सच्चा प्यार माता – पिता व सद्गुरु के अलावा कोई कर ही नही सकता । माँ- बाप बच्चों पर सदैव प्रसन्न व मेहरबान होते हैं ।
Is valentine’s day for singles
इस दुनिया में माता – पिता जैसा निःस्वार्थी प्रेम कोई कर ही नहीं सकता और जो बच्चे अपने माता- पिता व गुरु का आदर व सम्मान करते हैं वो उन्नत, ओजस्वी-तेजस्वी, बलवान-बुद्धिवान हो जाता है । सच्चे प्रेम स्वभाव से समग्र विश्व का कल्याण हो जाएगा । इसलिए वेलेंटाइन डे नहीं अपितु “मातृ-पितृ पूजन दिवस” ( Matru Pitru Puja Divas ) खुद भी मनाना है और बाकी सभी को भी अवश्य मनाना है क्योंकि हमें हमारी भारतीय संस्कृति की सेवा करनी है ।
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